RAKHI Saroj

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लेखनी प्रतियोगिता -11-Dec-2022

चंद यादें

चंद यादें ही है जिन्हें समेट लिया है
मेरे दिल ने, कुछ तेरे खातिर स्माल
बैठें है हम यादों का पिटारा अब 
उसे कहां ले जा रखूं बस यही 
सोचती हूं, चंद यादें है जो आज भी
मेरी आंखों से नींद का काजल चुरा
कर‌ किसी ओर की आंखों में वसा 
देती है, चंद यादें है जो अब भी मेरे
दिल में तुफान मचा देती है जिसका 
एहसास मेरे लबों को चुप करा जाता है
चंद यादें है गुजरते लम्हों की जिन्हें
मेरी निगाहें थाम लेती है।
     राखी सरोज 

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6 Comments

Mahendra Bhatt

12-Dec-2022 09:54 AM

बेहतरीन

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Punam verma

12-Dec-2022 09:01 AM

Very nice

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Abhinav ji

11-Dec-2022 09:27 AM

Very nice👏

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RAKHI Saroj

11-Dec-2022 03:20 PM

Thank you

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